PM PRANAM Yojana: जल्द आने वाली है पीएम प्रणाम योजना [2022]

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PM PRANAM Yojana: जल्द आने वाली है पीएम प्रणाम योजना [2022]
Image Credit: dbtagriculture.bihar.gov.in

PM PRANAM Yojana (जल्द आने वाली है पीएम प्रणाम योजना): भारत के केंद्र सरकार देश में Chemical Fertilizers (रासायनिक उर्बरक) के इस्तेमाल को काम करने और सरकार के ऊपर सब्सिडी बोझ को कम करने के लिए PM PRANAM Yojana पर काम कर रही है। PM PRANAM Yojana का पूरा नाम  पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना है।

यदि आप किसान है या कृषि के कार्य से जुड़े हुए है तो आपको यह ब्लॉग (ब्लॉग नाम) आवश्य पढ़ना चाहिये। इससे आपको एवं आप से जुड़े हुए लोगो को भी लाभ प्राप्त होगा।

देशभर में किसानों को सब्सिडी के रूप में रसायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है। इसके परिणाम स्वरुप रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किसानो द्वारा किया जाने लगा है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार इस तरह के योजना पर काम कर रही है।

रासायनिक उर्बरक (Chemical Fertilizers) का अधिक इस्तेमाल होने के कारण केंद्र सरकार और देश के ऊपर सब्सिडी का बोझ तेजी से बढ़ता जा रहा है।

सब्सिडी के बोझ को घटाने के लिए ही सरकार का पूरा नाम पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना (PM PRANAM Yojana) पर कार्य कर रही है।

इस योजना (पीएम प्रणाम) का प्रमुख उद्देश्य रसायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से उत्पन्न सब्सिडी के बोझ को घटाना है।

इंडियन एक्सप्रेस के एक प्रकाशित खबर के अनुसार केंद्र सरकार के द्वारा PM PRANAM PM Yojana (पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेट न्यूट्रिएंट्स फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट) पर काम चल रहा है। जिसके अंतर्गत देश के सभी राज्यों से अपना अपना विचार और सुझाव को प्रकट करने के लिए कहा गया है।

केंद्र सरकार इसके तहत तेजी से बढ़ते सब्सिडी के बोझ को कम करने और रसायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल को घटाना चाहती है।

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PM PRANAM Yojana

PM PRANAM Yojana 2022: PM PRANAM Yojana की शुरुआत केमिकल फर्टिलाइजर के उपयोग से बढ़ते सब्सिडी के बोझ को नीचे लाने के लिए किया जा रहा है। केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय की माने तो अनुमानतः रासायनिक उर्वरक से परने वाले सब्सिडी का बोझ वित्तवर्ष 022-23 में 2.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।

यह बोझ कितना अधिक है इस बात का अनुमान आप ऐसे लगा सकते है कि पिछले वित्तवर्ष 2021-22 से लगभग 39% (39 प्रतिशत) अधिक है। पिछले 1 .62 लाख करोड़ रुपये वित्तवर्ष 2021-22 में रासायनिक उर्वरक (Chemical Fertilizers) पर सब्सिडी के तहत सरकार को खर्च करने पड़े थे। इस योजना से केंद्र सरकार बोझ को कम करने के लिए ला रही है।

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PM PRANAM Yojana Highlights (PM PRANAM Yojana 2022 Highlights)

आर्टिकल का नामPM PRANAM Yojana: जल्द आने वाली है पीएम प्रणाम योजना
योजना का नाम (प्रस्तावित)पीएम प्रणाम योजना
शुरूकेंद्र सरकार द्वारा
योजना का उद्देश्ययोजना का उद्देश्य रसायनिक उर्वरकों के अधिक इस्तेमाल से केंद्र सरकार के ऊपर बढ़ रहे सब्सिडी बोझ को कम करना
लाभार्थीदेश के सभी रजिस्टर्ड किसान
संबंधित विभागउर्वरक विभाग
साल2022
अधिकारिक वेबसाइटअभी ज्ञात नहीं है।

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कैसे मिलेगा योजना के लिए फंड (पीएम प्रणाम योजना लिए फंड कैसे मिलेगा)

सूत्रों की माने तो इस योजना के लिए सरकार कोई भी फंड अलग से नहीं देगी। इसके लिए केमिकल फर्टिलाइजर्स सब्सिडी से बचत किये गए पैसे में से ही खर्च किया जायेगा। सब्सिडी से बचाये गए राशि में से 50 प्रतिशत पैसे को राज्यों के बीच में बांटा जाएगा।

70 प्रतिशत रकम रासायनिक उर्वरक के विकल्प के रूप में गांव, ब्लॉक, और जिला स्तर पर बनाए जाने वाले उर्वरक और उत्पादन इकाइयों, उपकरणों, तकनीक, पर खर्च होगी।इसके तहत जिला स्तर, ब्लॉक स्तर और गांव में रासायनिक फर्टिलाइजर के वैकल्पिक यूनिट को लगाया एवं विकिसित किया जायेगा।

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पीएम प्रणाम योजना का उद्देश्य

इस योजना के लिए सरकार कोई भी फंड अलग से नहीं देगी। इसके लिए केमिकल फर्टिलाइजर्स सब्सिडी से बचत किये गए पैसे में से ही खर्च किया जायेगा। सब्सिडी से बचाये गए राशि में से 50 प्रतिशत पैसे को राज्यों के बीच में बांटा जाएगा।

70 प्रतिशत रकम रासायनिक उर्वरक के विकल्प के रूप में गांव, ब्लॉक, और जिला स्तर पर बनाए जाने वाले उर्वरक और उत्पादन इकाइयों, उपकरणों, तकनीक, पर खर्च होगी।

इसके तहत जिला स्तर, ब्लॉक स्तर और गांव में रसायनिक फर्टिलाइजर के वैकल्पिक यूनिट को लगाया एवं विकिसित किया जायेगा।

बचा हुआ 30 प्रतिशत ग्रांट किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूह को प्रोत्साहित करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इससे किसानों को रासायनिक उर्वरक के इस्तेमाल को काम करने एवं जागरूक फ़ैलाने में प्रोत्साहन प्रदान होगा।

सरकार की चिंता यह है कि यह आंकड़ा इसी तेजी से प्रत्येक वर्ष बढ़ता ही जाएगा। इसका मुख्य कारण हमारे देश में chemical fertilizer का उपयोग किसानो के द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।

इन समस्याओ से निपटने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा पीएम प्रणाम योजना को विचार में लाया गया है और सुझाव माँगा गया है। पीएम प्रणाम योजना के तहत रसायनिक उर्वरक के ऊपर खर्च होने वाले सब्सिडी के बोझ को घटाया जायेगा।

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पीएम प्रणाम योजना की विशेषताएँ

  • देश के सभी किसानो और केंद्र सरकार दोनों को इस PM PRANAM Yojana का फायदा होगा।
  • रसायनिक उर्वरकों के उपयोग से उत्पन सब्सिडी के बोझ को घटाया जाएगा।
  • वित्त वर्ष 2021-22 की सब्सिडी राशि 1 .62 लाख करोड़ रुपये से 39% बढ़ कर 2022-23 मे .25 लाख करोड़ रुपये तक जाने का अनुमान है।
  • देश में बढ़ रहे केमिकल फर्टिलाइज़र का इस्तेमाल दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। इस फर्टिलाइज़र के इस्तेमाल और सब्सिडी बोझ को घटाने के लिए इस योजना को  शुरू किया जा रहा है।
  • प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना के माध्यम से गांव, ब्लॉक, जिला स्तर पर जैव उर्वरकों,  जैविक उर्वरकों और इकाइयों को तकनीक विकसित करने के लिए सब्सिडी देगी।
  • यह सब्सिडी केमिकल उर्वरक के सब्सिडी से होने वाले बचत में से ही दिया जायेगा।
  • एक रिपोर्ट के अनुसार  इस योजना को लेकर विचार करने वाले केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों ने राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों से इस पर चर्चा किया है।
  • एक साल में उपयोग होने वाले रसायनिक उर्वरक के खपत पर काम  करने की गणना को पिछले तीन वर्षों में यूरिया की औसत इस्तेमाल से तुलना करना है।
  • जैव उर्वरकों और जैविक के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित किया जायेगा।
  • इसके लिए उर्वरक मंत्रालय के डैशबोर्ड, एकीकृत उर्वरक प्रबंधन प्रणाली (Integrated Fertilizer Management System-IFMS) के डेटा को  उपयोग में लाया जाएगा।

पीएम प्रणाम योजना का निष्पादन 

  • PM Pranaam Scheme के लिए फंड अलग से नहीं दिया जायेगा। उर्वरक सब्सिडी से बचाये गए रूपए का ही उपयोग इसके लिए किया जायगे।   
  • अनुदान के रूप में उर्वरक सब्सिडी से बचाये गए पैसे का आधा भाग 50 प्रतिशत केंद्र सरकार राज्य सरकारों को देगी। 
  • 70 प्रतिशत भाग इस राशि का गांव, ब्लॉक, एवं जिला स्तर पर वैकल्पिक (जैव, जैविक) उर्वरक और उत्पादन इकाइयों को दिया जायेगा। ताकि वे तकनीक का विकाश एवं उत्पादन कर सके।  
  • 30 प्रतिशत भाग इस राशि का गांव, पंचायत, किसान उत्पादक संगठनों एवं स्वयं सहायता समूह को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदान किया जाएगा। इससे समाज, किसान में जागरूकता फैलेगा।
PM PRANAM Yojana आवश्यकता क्यों है?

5 अगस्त को लोकसभा में वर्तमान रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा के द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि चार प्रकार के उर्वरक -यूरिया, डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), एमओपी और नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) की जरुरत वर्ष 2021-22 में 640.27 लाख मीट्रिक टन हो गई है जो 2017-18 में 528.86 लाख मीट्रिक टन लगभग 21 प्रतिशत कम था।

डीएपी के इस्तेमाल में 25.44 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2017-18 में 98.77 एलएमटी से 2021-22 में 123.9 एलएमटी हो गया ।

यूरिया का इस्तेमाल हमारे देश में सबसे अधिक होता है जो 19.64 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2017-18 में 298 एलएमटी से 2021-22 में 356.53 पहुंच गई।

Conclusion of Article (PM PRANAM Yojana)

इस आर्टिकल में हम ने बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी पीएम प्रणाम योजना से सम्बंधित प्राप्त किया।

पीएम प्रणाम योजना का उद्देश्य, पीएम प्रणाम योजना की विशेषताएँ, PM PRANAM Yojana आवश्यकता आदि को डिस्कस किया।

 इस योजना से सम्बंधित अगर आपके पास कोई सुझाव है तो निश्चित हम से शेयर कीजिये।

अगर आपको हमारी यह जानकारी अच्छी और ज्ञानवर्धक लगी हो तो जरूर कमेंट करें। हमारे इस ब्लॉग को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करें।

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Frequently Asked Questions (FAQ)

पीएम प्रणाम योजना क्या है ?

PM PRANAM Yojana का पूरा नाम  पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना है।
PM PRANAM Yojana की शुरुआत केमिकल फर्टिलाइजर के उपयोग से बढ़ते सब्सिडी के बोझ को नीचे लाने के लिए किया जा रहा है।

पीएम प्रणाम योजना का उद्देश्य क्या है?

इस योजना (पीएम प्रणाम) का प्रमुख उद्देश्य रसायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से उत्पन्न सब्सिडी के बोझ को घटाना है। पीएम प्रणाम योजना के तहत रसायनिक उर्वरक के ऊपर खर्च होने वाले सब्सिडी के बोझ को घटाया जायेगा। इस योजना के अंतर्गत किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूह को प्रोत्साहित करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इससे किसानों को रासायनिक उर्वरक के इस्तेमाल को काम करने एवं जागरूक फ़ैलाने में प्रोत्साहन प्रदान होगा।

कैसे मिलेगा पीएम प्रणाम योजना के लिए फंड?

इस योजना के लिए सरकार कोई भी फंड अलग से नहीं देगी। इसके लिए के केमिकल फर्टिलाइजर सब्सिडी से बचत किये गए पैसे में से ही खर्च किया जायेगा। सब्सिडी से बचाये गए राशि में से 50 प्रतिशत पैसे को राज्यों के बीच में बांटा जाएगा।

PM PRANAM Yojana आवश्यकता क्यों है?

देश में चार प्रकार के उर्वरक -यूरिया, डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), एमओपी और नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) की जरुरत वर्ष 2021-22 में 640.27 लाख मीट्रिक टन हो गई है जो 2017-18 में 528.86 लाख मीट्रिक टन लगभग 21 प्रतिशत कम था।
डीएपी के इस्तेमाल में 25.44 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2017-18 में 98.77 एलएमटी से 2021-22 में 123.9 एलएमटी हो गया ।
यूरिया का इस्तेमाल हमारे देश में सबसे अधिक होता है जो 19.64 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2017-18 में 298 एलएमटी से 2021-22 में 356.53 पहुंच गई।

पीएम प्रणाम योजना के लाभ क्या है?

पीएम प्रणाम योजना से देश के ऊपर बढ़ते उर्बरक सब्सिडी के बोझ को कम किया जा सकेगा।
इसके माध्यम से गांव, ब्लॉक, एवं जिला स्तर पर वैकल्पिक (जैव, जैविक) उर्वरक और उत्पादन इकाइयों को दिया जायेगा। 
गांव, पंचायत, किसान उत्पादक संगठनों एवं स्वयं सहायता समूह को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदान किया जाएगा। इससे समाज, किसान में जागरूकता फैलेगा।

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